5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
इश्क के जाल में फंसाकर चल get more info रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।